विभिन्न प्रकार के चिन्ह (Different Types Of Sings On Hand Palmistry)


हथेली पर विभिन्न चिन्हों का महत्व


विभिन्न प्रकार के चिन्ह (Different Types Of Sings On Hand Palmistry)


हस्तरेखा सीखो


विन्दु यानि Black Spot, Black Dot, Black Mole, Kala Til 


विन्दु प्राय: अस्थायी रोग परिचायक है, एक चमकीला और लाल विन्दु यदि :-

  • मस्तिष्क रेखा पर होगा तो किसी आघात या गिरने के कारण घायल अथवा चोट का निशान होगा। भूरा अथवा नीला विन्दु स्नायु रोग का चिन्ह है।
  • स्वास्थ्य रेखा पर चमकीला लाल विन्दु प्राय: बुखार होने की सूचना देता है।
  • जीवन रेखा पर होने से बीमारी का द्योतक है, जो ज्वर प्रकृति का होगा।
  • काला विन्दु धन-दौलत की प्राप्ति का संकेत देता है सफेद विन्दु उन्नति का सूचक है।
  • मंगल रेखा पर काला विन्दु होने पर व्यक्ति कायर होता है।
  • बुध क्षेत्र पर होने से व्यक्ति धोखेबाज अथवा ठग होता है।
  • गुरु क्षेत्र पर होने से विवाह में अड़चनें और अपयश होता है।
  • शुक्र क्षेत्र में काला विन्दु होने से व्यक्ति कामपिपासु होता है, पर गुप्तांगों में बीमारी होने से अपनी काम पिपासा को शान्त नहीं कर पाता। ऐसे लोग पत्नी या प्रेमिका द्वारा तिरस्कार किये जाते हैं।
  • शनि क्षेत्र में होने से प्यार के मामले में बदनामी तथा पति पत्नी में रंजिस।
  • रवि क्षेत्र में काला विन्दु होने से प्रतिष्ठा प्रभावित होती है।
  • राहु क्षेत्र में होने से युवावस्था में धन की कमी, केतु क्षेत्र में बचपन से बीमार होता है।
  • चन्द्र क्षेत्र में होने से विवाह में देरी एवं प्रेम में निराशा ।
  • भाग्य रेखा पर होने से भाग्योदय में बाधा।
  • जीवन रेखा पर होने से लम्बी बीमारी ।
  • विवाह रेखा पर होने से सिर में भारी चोट और हृदय दुर्बल होता है।

नक्षत्र ( Star, स्टार )
  • बुध क्षेत्र पर नक्षत्र निशान होने पर व्यक्ति कुशाग्र तीक्ष्ण बुद्धि का होता है एवं समाजसेवी, परोपकारी, तथा व्यवसायी बनता है।
  • मंगल क्षेत्र - मंगल क्षेत्र पर हो तो व्यक्ति शूरवीर, धैर्यवान एवं साहसी होता है तथा युद्ध में वीरता के कार्य से देशव्यापी सम्मान मिलता है।
  • गुरु क्षेत्र -गुरु क्षेत्र पर होने से व्यक्ति को जीवन में शक्ति, अधिकार, पद, कीर्ति और धन की प्राप्ति होती है। उसकी समस्त कार्य क्षमतायें उन्नति की ओर अग्रसर होने लगती हैं, शीघ्र ही वह सम्मानीय पद प्राप्त कर लेता है एवं जीवन में अचानक धन की प्राप्ति भी होती है।
  • शुक्र पर्वत - शुक्र पर्वत पर नक्षत्र का चिह्न होने से व्यक्ति काम भावनाओं के प्रति अग्रसर रहता है तथा प्रेम के क्षेत्र में सफल होता है एवं सुंदर स्त्री प्राप्त करता है।
  • शनि क्षेत्र - शनि क्षेत्र में होने से व्यक्ति सही दिशा में चिन्तन करने वाला भाग्यवान होता है तथा प्रसिद्धि प्राप्ति होती है, परन्तु बुढ़ापे में आराम और सम्मान नहीं मिलता है।
  • रवि क्षेत्र - रवि क्षेत्र पर नक्षत्र का चिन्ह होने से वक्ती जीवन में पूर्ण ऐश्वर्य का भोग करता है एवं किसी भी प्रकार की कमी नहीं होती तथा मानसिक शान्ती बनी रहती है।
  • चन्द्र क्षेत्र - चन्द्र क्षेत्र पर नक्षत्र का चिन्ह होने से व्यक्ति उच्च स्तर का कलाकार होता है तथा काव्य के माध्यम से धन और यश प्राप्त करता है।
  • राहु क्षेत्र - राहु क्षेत्र में होने से भाग्य हमेशा साथ देती है तथा अच्छी कीर्ति प्राप्त होती है।
  • केतु क्षेत्र - केतु क्षेत्र पर नक्षत्र का चिह्न होने से व्यक्ति का बाल्यकाल सुखी होता है तथा धन की कमी नहीं होती है।
  • आयु रेखा - पर यह निशान होना अशुभ माना गया है। विवाह रेखा पर स्टार होने से विवाह सम्बन्धी अनेक अड़चने आती है तथा वैवाहिक जीवन सुखी नहीं होता।
  • हृदय रेखा - पर स्टार होने से हृदय सम्बन्धी बीमारी होती है।
  • अंगूठे पर नक्षत्र होने से इच्छा शक्ति प्रबल होती है।

क्रास (Cross)


  • शनि क्षेत्र पर क्रास का चिन्ह होने से व्यक्ति के शरीर में कई बार घाव लगते हैं तथा रहस्यमय दुर्घटना भी हो सकती है।
  • रवि क्षेत्र पर क्रास का चिन्ह होने से व्यक्ति व्यवसाय में हानि और पराजय का मुंह देखता है। समाज में उपहास एवं निन्दा का सामाना करता है।
  • चन्द्र क्षेत्र पर यह निशान होने से व्यक्ति कई बार पानी में डूबता है और बच जाता है। जलोदर तथा दिमागी रोग होने की आशंका बनी रहती है।
  • मंगल क्षेत्र पर होने से व्यक्ति को कारावास होता है तथा ऐसे व्यक्ति अत्यन्त क्रोधी होते हैं लड़ाई झगड़े में मरना मारना इनके लिए आम बात होती है।
  • बुध क्षेत्र में यह निशान होने से व्यक्ति घूर्त, ठग, धोकेबाज, झूंठा एवं समाज में निन्दनीय जीवन बिताता है।
  • गुरुक्षेत्र में यह निशान होने से व्यक्ति का आदर्श विवाह, सोच समझ से कार्य करने वाला, ससुराल से धन प्राप्ति तथा पढ़ी लिखी एवं पतिव्रता पत्नी प्राप्त होती है।
  • शुक्र क्षेत्र पर यह निशान होने से प्रेम में असफलता मिलती है तथा बदनाम होकर निन्दनीय जीवन बिताता है। ऐसे लोगों का लक्ष्य पूर्ण नहीं होता तथा जीवन निराशापूर्ण होता है।
  • राहु क्षेत्र पर क्रास का निशान होने से युवा अवस्था में दु:ख प्राप्त होता है तथा हमेशा भाग्यहीन होता है।
  • केतु क्षेत्र पर क्रास का निशान होने से शिक्षा प्रभावित होती है।
  • जीवन रेखा पर क्रास चिन्ह होने से आयु प्रभावित होती है।
  • मस्तिष्क रेखा पर क्रास चिन्ह होने पर आयु के उस भाग में दिमाग से सम्बन्धी बीमारी का सामाना होता है।
  • भाग्य रेखा पर क्रास का चिन्ह होने से आयु के उस भाग में भाग्य परिवर्तन होने का अवसर आता है। हृदय रेखा पर होने से रक्तचाप सम्बन्धी बीमारी होती है।
  • विवाह रेखा पर होने से विवाह नहीं होता, यदि होता भी है तो दाम्पत्य जीवन सुखी नहीं रहता है।
  • नोट- बृहस्पति क्षेत्र के अलावा हाथ में कहीं पर भी क्रास का चिन्ह हो, तो उसके प्रभाव को न्यून कर विपरीत फल देने लगता है।

त्रिभुज (Triangle)

तीनों ओर से परस्पर मिली हुई रेखाएँ त्रिभुज कहलाती हैं, गहरी रेखाओं से निर्मित त्रिभुज शुभ फलदायी होता है। वैसे तो त्रिभुज बहुत कम हाथों में पाये जाते हैंं। यह जितना ज्यादा बड़ा होगा, उतना श्रेष्ठ एवं फलदायी 
माना जाता हैं। 



  • जिस व्यक्ति के हाथ के मध्य में त्रिभुज होगा वह सद~गुणी, सच्चरित्र वाला, भाग्यवान, क्रियाशील, ईश्वर में आस्था रखने वाला और उन्नतिशील होता है। ऐसा व्यक्ति शान्त एवं मधुरभाषी, तथा धीर-गम्भीर होता है। 
  • त्रिभुज जितना बड़ा होगा, व्यक्ति उतना ही विशाल हृदय तथा कठिनाईपूर्वक सफलता प्राप्त करने वाला व्यक्ति होता है तथा आत्मविश्वास कम होता है। 
  • यदि बड़े त्रिभुज में एक ओर छोटा त्रिभुज बन जाये तो वह अवश्य ही उच्च पद को प्राप्त करता है।
  • मंगल क्षेत्र पर निर्दोश त्रिभुज होने से व्यक्ति धैर्यवान, रणकुशल तथा वीरता के लिए राष्ट्रीय पुरष्कारों से सम्मानित होता है, युद्ध में वह अपूर्व वीरता दिखलाता है। मुसीबत में भी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होता। ऐसा व्यक्ति सेना का कोई बड़ा आफीसर हो सकता है। किन्तु दूषित त्रिभुज होगा तो व्यक्ति निर्दयी और कायर होगा।
  • बुध क्षेत्र पर त्रिभुज होने से सफल वैज्ञानिक या अच्छा व्यापारी होता है। उसका व्यापार देश-विदेश में फैला होता है तथा ये दूसरे की कमजोरी समझने में माहिर होते हैं। 
  • गुरु क्षेत्र में त्रिभुज होने से व्यक्ति चतुर, कार्य में दक्ष, कुशाग्र बुद्धि वाला एवं सदैव उन्नति की आकांक्षा वाला होता है। ऐसे व्यक्ति धूर्त एवं सफल कूटनीति वाले भी होते हैं। लोगों को अपने प्रभाव में रखने की कला इनमें खूब होती है त्रिभुज में दोष होने पर व्यक्ति घमण्डी, बातूनी तथा स्वयं की तारीफ करने वाला होता है।
  • शुक्र क्षेत्र में निर्दोश त्रिभुज होने से व्यक्ति का आंशिक मिजाज, सरल तथा सौम्य स्वभाव का स्वामी होता है। ऐसे व्यक्ति ललित कला, संगीत, नृत्य आदि में रुचि रखने वाले होते हैं। दूषित त्रिभुज होने से व्यक्ति को कामान्ध बनाता है। अगर स्त्री के हाथ में ऐसा त्रिभुज होगा, तो वह परपुरुष गामिनी होती है। 
  • शनि क्षेत्र पर निर्दोष त्रिभुज होने से व्यक्ति तंत्र-मंत्र साधना में दक्ष एवं गुप्त विद्या तथा वशीकरण का ज्ञाता होता है। दोषपूर्ण त्रिभुज होने पर व्यक्ति को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का ठग एवं धूर्त बनाता है। 
  • हृदय रेखा पर यह चिन्ह होने से लेखन कार्य में ख्याति प्राप्त होती है। 
  • भाग्य रेखा पर होने से भाग्योन्नति में बाधाएं आती हैंं।
  • चन्द्र रेखा पर होने से विदेश यात्रायें होती हैं।
  • विवाह रेखा पर होने से विवाह में बाधा होती है।
  • आयु रेखा (triangle on life line) पर होने से दीर्घायु मिलती है। 

वर्ग (Square)

चार भुजाओं से घिरे हुए क्षेत्र को वर्ग कहते हैं। कुछ लोगों के मत से इसे समकोण भी कहा जाता है। जब एक सुविकसित वर्ग से होकर भाग्य रेखा निकल रही हो तो व्यक्ति के भौतिक जीवन में यह संकट का द्योतक है। 
जिसका सम्बन्ध आर्थिक दुर्घटना या हानि से है। परन्तु वर्ग को पार करके आगे बढ़ती हुई भाग्य रेखा खतरा नहीं उत्पन्न करती। जब वर्ग रेखा से बाहर हो तथा स्पर्श मात्र हो एवं शनि पर्वत के नीचे हो तो यह दुर्घटना से रक्षा का सूचक है।



  • जब मस्तिष्क रेखा सुनिर्मित वर्ग से निकलती है तो यह स्वयं मस्तिष्क की शक्ति और सुरक्षा का चिन्ह माना जाता है। जब वर्ग मस्तिष्क रेखा के उपर उठ रहा हो और शनि के नीचे हो तो सिर में किसी प्रकार के खतरे का सूचक है।
  • हृदय रेखा किसी वर्ग में प्रवेश करने से प्रेम के कारण भारी संकट का सामना करना पड़ता है।
  • जब जीवन रेखा वर्ग में से गुजरती हो तो यह इस बात का सूचक है कि उस आयु पर व्यक्ति की दुर्घटना होगी, परन्तु मृत्यु से रक्षा होगी। 
  • शुक्र पर्वत पर होने से काम संवेगों के कारण संकट से रक्षा होती है, ऐसी स्थिति में व्यक्ति काम वासना केे कारण अनेक तरह के खतरे में पड़ता है, लेकिन हमेशा बच निकलता है।
  • वर्ग जीवन रेखा के बाहर हो तथा मंगल क्षेत्र से आकर जीवन रेखा को छू रहा हो, तो इस स्थान पर वर्ग के होने से कारावास या भिन्न प्रकार का रहन सहन होता है।
  • जब वर्ग किसी भी पर्वत पर होता है तो उस पर्वत के गुणों के कारण होने वाले किसी भी अतिरेक से रक्षा का सूचक होता है।
  • गुरु पर होने से व्यक्ति की आकांक्षा से उसे रक्षा प्रदान करता है। शनि पर होने से खतरों से रक्षा करता है। सूर्य पर होने से प्रसिद्धि की इच्छा को बढ़ाता है। चन्द्र पर होने से अधिक कल्पना एवं अन्य रेखा के दुष्प्रभाव से बचाव होता है। 
  • मंगल पर होने से शत्रुओं से होने वाले खतरों से बचाता है। बुध पर होने से उद्विग्नता एवं चंचल वृत्ति से बचाता है।

द्वीप (Island)

हाथ में द्वीप का होना अधिक शुभ नहीं माना जाता है। द्वीप का सम्बन्ध जिस रेखा एवं क्षेत्र से होता है, उनमें अधिकतर बुराइयों से सम्बन्धित होता हैं।

  • उदाहरण के तौर पर जीवन रेखा पर होने से विरासत में मिली दुर्बलता या रोग का सूचक होता है।
  • जब यह द्वीप सूर्य रेखा पर हो तो यह यश और प्रतिष्ठा की हानि का सूचक होता है या किसी प्रकार की बदनामी अथवा अपयश का सामना होता है।
  • भाग्य रेखा पर होने से सांसारिक कार्यों में हानि का सूचक है।
  • मस्तिष्क रेखा के केंद्र में स्पष्ट चिन्ह के रुप में होने से मानसिकता से सम्बन्धी पैतृक दुर्बलता का लक्षण है।
  • हृदय रेखा पर होने से विरासत में मिली हृयद से सम्बन्धी बीमारी का सामना करना होता है।
  • स्वास्थ्य रेखा पर होने से गम्भीर रोग का सूचक है।
  • यदि कोई रेखा द्वीप में मिल रही हो या फिर द्वीप बनाती हो तो यह हाथ के जिस भाग में होगा उसके सम्बन्ध में एक बुरा लक्षण है।
  • यदि शुक्र पर्वत पर एक सहायक रेखा द्वीप में मिल रही हो तो यह जीवन को प्रभावित करने वाले स्त्री, पुरुष के लिए काम वासना के कारण परेशानी उत्पन्न कर सकता है।
  • शुक्र पर्वत की ओर से द्वीप बनाती हुई कोई रेखा यदि विवाह रेखा तक जाती है, तो उस विन्दु पर विवाह से सम्बन्धी या अन्य प्रकार से बदनामी होगी। इसी प्रकार अन्य कोई रेखा हरिदय रेखा की ओर जाती हो तो प्रेम सम्बन्धों में बदनामी और संकट उत्पन्न करेगी।
  • गुरु पर्वत पर होने से आत्मविश्वास और आकांक्षा को आघात पहुंचाता है।
  • शनि पर्वत पर होने से व्यक्ति को दुर्भाग्य का शिकार बनाता है।
  • चन्द्र पर्वत पर होने से कल्पना की क्षमता को प्रभावित करता है।
  • मंगल पर्वत पर होने से भावना की कमी और कायरता उत्पन्न करता है।
  • बुध पर होने से परिवर्तनशील बनाता है। व्यवसाय या विज्ञान क्षेत्र में ।
  • शुक्र पर होने से काम संवेग एवं कल्पना के क्षेत्र में परिचालित होने का संकेत देता है।

वृत्त (Circle)


  • छोटे-छोटे गोल घेरों को वृत्त कहते हैं, इन्हें सूर्य, कन्दुक एवं घेरा भी कहा जाता है।
  • चन्द्र क्षेत्र पर वृत्त का चिन्ह होने से व्यक्ति को जल से नुकसान होता है तथा जल तत्व से सम्बन्धित बीमारी का सामना करना पड़ता है।
  • मंगल क्षेत्र पर वृत्त होने से व्यक्ति को कायर तथा रणभीरु बना देता है।
  • बुध क्षेत्र पर होने से व्यापार में सफलता एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
  • गुरु क्षेत्र पर होने से उच्चपद की प्राप्ति तथा लोगों पर प्रभाव एवं विवाह में दहेज की प्राप्ति होती है।
  • शनि क्षेत्र पर वृत का चिन्ह होने से अचानक धनलाभ तथा भाग्योन्नति होती है।
  • शुक्र क्षेत्र पर वृत्त का निशान होने से व्यक्ति को कामातुर एवं इन्द्रिय लोलुप तथा भोगी बना देता है। ऐसे लोगों में नपुंसकता भी पायी जाती हैं।
  • राहु क्षेत्र पर होने से व्यक्ति को निष्क्रिय एवं पुरुषार्थ हीन बना देता है।
  • हृदय रेखा पर वृत्त का चिन्ह होने से व्यक्ति को हृदय हीन एवं पत्थरदिल बना देता है।
  • जीवन रेखा पर होने से आंखों में बिमारी या कमजोरी होती है।
  • भाग्य रेखा पर होने से व्यक्ति में कमजोरी एवं भरम उत्पन्न करता है।
  • मस्तिष्क रेखा पर होने से व्यक्ति को स्नायु रोग उत्पन्न करता है।
  • विवाह रेखा पर वृत्त का चिन्ह होने से व्यक्ति कुंवारा रहता है, या फिर विवाहोपरान्त शीघ्र ही विधुर होकर जीवन व्यतीत करता है।

जाल (Net)


  • आड़ी रेखा पर खड़ी रेखाओं के होने से जाल सा बन जाता है, यह मानव हाथों पर अधिकाशं पाया जाता है।
  • हस्त रेखा विज्ञान में जाल का भी अपना महत्वपूर्ण स्थान है। अत: इसका अध्ययन भी अति आवश्यक है। 
  • रवि क्षेत्र-सूर्य क्षेत्र पर जाल होने से व्यक्ति समाज में निन्दा तथा उपहास का पात्र बन जाता है।
  • चन्द्र क्षेत्र-चन्द्र क्षेत्र पर जाल होने से व्यक्ति निरन्तर चंचल स्वभाव, अधीर एवं असन्तुष्ट रहता है।
  • मंगल क्षेत्र-मंगल क्षेत्र पर जाल होने से मानसिक अशान्ति एवं उद्विग्नता रहती है।
  • बुध क्षेत्र-बुध क्षेत्र पर जाल होने से व्यक्ति को स्वत: के कार्यो में हानि का सामना एवं पश्चाताप होता है।
  • गुरु क्षेत्र-गुरु क्षेत्र पर जाल होने से व्यक्ति घमण्डी, स्वार्थी और निर्लज्ज हो जाता है।
  • शुक्र क्षेत्र-शुक्र क्षेत्र पर जाल होने से भोगी, लम्पट, अधीर तथा कामातुर होता है।
  • शनि क्षेत्र-शनि क्षेत्र पर जाल होने से व्यक्ति आलसी, कंजूस अर्कमण्य एवं अस्थिर चित्त वाला होता है।
  • राहु-राहु केतु क्षेत्र पर होने से व्यक्ति द्वारा जीवन हत्या जैसे अपराध होते हैं एवं दुर्भाग्य का सामना होता है।
  • केतु क्षेत्र-केतु क्षेत्र पर जाल होने से चेचक या चर्म रोग जैसे रोगों का सामना होता है।

मत्स्य (मछली, Macch Rekha, Fish Sign)

यह मणिबन्ध के उपर भाग्य रेखा या आयु रेखा किसी एक में भी हो सकती है या दोनों में इसे शुभ चिन्ह माना जाता है। बृहस्पति भी ऐसे व्यक्ति को हाथ में जिनके मत्स्य रेखा होती है, वह अच्छा होता है। वह मीन का


बृहस्पति ज्योतिष के अनुसार अपने राशि का स्वामी होगा। मत्स्य रेखा वाला व्यक्ति धार्मिक, उदार, दानी और समाज में प्रतिष्ठित होगा। मत्स्य रेखा का उपरी भाग जितना अधिक नुकीला होगा उतना ही अधिक समय 
तक सुख प्राप्त होगा। स्त्रियों के हाथ में इस रेखा के होने से अच्छे पति प्राप्त करने वाली, उनका सम्मान करने वाली, दीर्धजीवन, सौभाग्यशालिनी और पुत्र-पौत्र वाली भी होंगे। मत्स्य पुच्छ चिन्ह वाला व्यक्ति धनवान और विद्वान होता है।


चक्र


चक्र का अर्थ वृत्त से है, जो अंगुलियों की त्वचा एवं रेखाओं पर पाया जाता है। यह वर्तुलाकार एक होने से चालाक, दो होने से सुन्दर, तीन से ऐशो आरामी, चार से गरीब, पांच वाला विद्वान, छ: वाला विद्वान में चतुर, 
सातवाला योगी, आठवाला गरीब, नौं चक्र वाला राजा या धनी और दसवाला एक सरकारी अधिकारी होता है। साथ ही ईश्वर प्रेमी और थोड़ी आयु वाला होता है। तर्जनी में चक्र होने पर व्यक्ति को मित्रों से लाभ होगा। मध्यमा में होने से इष्ट पूजा से धन लाभ होगा। अनामिका में हो तो समाज की सहायता से पैसा आएगा और कनिष्ठा में चक्र हो जाने पर तैयार माल द्वारा धनार्जन होगा। उपर्युक्त अंगुलियों में यदि शंख हो तो तत्संबन्धी नुकसान होगा।


शंख (Shankh, Conch)


यह चिन्ह किसी महान व्यक्ति के हाथ में ही होता है। तमाम चिन्हो में यह दुर्लभ होता है। तर्जनी में शंख होने पर मित्रों से धनहानि होती है। मध्यमा में हो तो उसे पुजारी नहीं बनना चाहिये। अनामिका में शंख होने पर धन का अचानक नाश व कनिष्ठा में भी यही फल होवे।


त्रिभुज (Tribhujh)


भारतीय पद्धति मे त्रिभुज बृहस्पति पर्वत पर ही अच्छा होता हैं। उंचे दर्जे के राजनीतिज्ञों के धार्मिक पुरुषों के व योगी महापुरूषों के हाथों में यह पाया जाता है। ऐसा व्यक्ति मनुष्य मात्र का कल्याण चाहने वाला होता है। जिस व्यक्ति के हाथ में यह त्रिभुज होता है। वह अपने निकटवर्ती लोगों को अच्छी तरह से और चतुराई से किसी न किसी तरीके से काम में लगा सकते है।


देवस्थान (Devsthan)


संतयोगी व राजघराने के व्यक्तियों के हाथों में यह होता हैं। इसका दूसरा नाम शिवालय भी है। समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति के हाथों में यह चिन्ह पाया जाता है। टैगोर, बेलन, रमन के हाथों में यह चिन्ह था।


घ्वज (Flag)


जिस व्यक्ति के हाथ में यह चिà होगा, वह जिस काम में हाथ डालेगा, उसमें उसकी विजय होगी। इस चिन्ह वाले व्यक्ति के पास सवारी के साधन अधिक होंगे। सफल और गुणी मनुष्यों के हाथों में यह चिà अधिक पाया जाता है।


स्वस्तिक (Swastika)


हर प्रकार से धन धान्य, भू-भाग से परिपूर्ण लाभ उस व्यक्ति के पास होगा। जिसके हाथ में स्वस्तिक का चिन्ह होगा, वह शांति सम्पन्न भी होगा यह चिन्ह शुभ माना जाता है।


चन्दमा (Chandma)


जिस व्यक्ति के हाथ में यह चिन्ह होगा, वह व्यक्ति जिस किसी के यहाँ नौकरी भी करेगा, तो अपने मालिक अथवा ऑफिसर की ओर से सम्मानित होगा। यह चिन्ह सम्मानित और यशस्वी व्यक्तियों के हाथों में पाया जाता है।


धनुष (Dhanush)


यह चिन्ह अपूर्व साहस और शक्ति देने वाला होता है। राजा, राजकुमारों व समृद्धि, धनी व्यक्तियों के हाथों में यह चिन्ह पाया जाता है।


कमल (Lotus)


महापुरुषों के हाथ में इस प्रकार के संकेत होते है, जो अवतार लेते है। उनके हाथों में ऐसा कहा जाता है कि चार चीजें होती हैं- हल, कमल, घड़ा और शंख। इनमें से एक भी हो, तो उसके महत्व का द्योतक माना

जाता है।

सर्प (Sarp, Snake)


किसी व्यक्ति के हाथ में यह चिन्ह हो, तो उसे अच्छा नहीं माना जाता है। हाथ में यह चिन्ह होने पर मनुष्य को शत्रुओं से या विरोधियों से नुकसान होने का अंदेशा रहता है।


नितिन कुमार पामिस्ट 


related post



प्रेम विवाह हस्तरेखा | Prem Vivah Hastrekha

क्या आपके हाथ में है प्रेम विवाह का योग ?

ONLINE PALM READING SERVICE



online palmistry service




hast rekha scanner app in hindi,  palm reading online free scanner in hindi,  online hastrekha check in hindi,  online hast rekha scanner free,  palm reading in hindi online,  palm reading in hindi pdf,  palm reading in hindi for female,  palm reading in hindi free online,  free online palm reading service,  free online palm reading consulation,


SEND ME YOUR BOTH HAND IMAGES TO GET DETAILED PALM READING REPORT

Question: What is your fees?
Answer: If you are from India then you need to pay 600 rupees (you will get report in 10 days) but if you want to get report in one day/24 hours then you need to pay 1100 rupees.

If you are from USA, or from outside of India then you need to pay 20 dollars (you will get report in 10 days) but if you want to get report in one day/24 hours then you need to pay 35 dollars.

Question: I want to get palm reading done by you so let me know how to contact you?
Answer: Contact me at Email ID: nitinkumar_palmist@yahoo.in.


Question: I want to know what includes in Palm reading report?

Answer: You will get detailed palm reading report covering all aspects of life. Past, current and future predictions. Your palm lines and signs, nature, health, career, period, financial, marriage, children, travel, education, suitable gemstone, remedies and answer of your specific questions. It is up to 4-5 pages.



Question: When I will receive my palm reading report?

Answer: You will get your full detailed palm reading report in 9-10 days to your email ID after receiving the fees for palm reading report.



Question: How you will send me my palm reading report?

Answer: You will receive your palm reading report by e-mail in your e-mail inbox.



Question: Can you also suggest remedies?

Answer: Yes, remedies and solution of problems are also included in this reading.


Question: Can you also suggest gemstone?

Answer: Yes, gemstone recommendation is also included in this reading.


Question: How to capture palm images?

Answer: Capture your palm images by your mobile camera 
(Take image from iphone or from any android phone) or you can also use scanner. 



Question: Give me sample of palm images so I get an idea how to capture palm images?

Answer: You need to capture full images of both palms (Right and left hand), close-up of both hands and side views of both palms. See images below.



palm reading sample

palm reading sample


Question: What other information I need to send with palm images?

Answer: You need to mention the below things with your palm images:-
  • Your Gender: Male/Female 
  • Your Age: 
  • Your Location: 
  • Your Questions: 
  • Also you can tell me that in which field you want to make your career. So that I can check for particular field is good or not for you.

Question: How much the detailed palm reading costs?

Answer: Cost of palm reading:


Option 1 - Palm reading report delivery time 10 days
(You will get your palm reading report in 10 days)
  • India: Rs. 600/- 
  • Outside Of India: 20 USD

Option 2 - Palm reading report delivery time 1 day (24 hours)
(You will get your palm reading report in one day)
  • India: Rs. 1100/- 
  • Outside Of India: 35 USD

Question: How you will confirm that I have made payment?

Answer: You need to provide me some proof of the payment made like:


  • UTR/Reference number of transaction. 
  • Screenshot of payment. 
  • Receipt/slip photo of payment.

Question: I am living outside of India so what are the options for me to pay you?

Answer: Payment options for International Clients:

International clients (those who are living outside of India) need to pay me via PayPal or Western Union Money Transfer.

  • PayPal (PayPal ID : nitinkumar_palmist@yahoo.in)
    ( Please select "goods or services" instead of "personal" )

  • Palmistry Service (option 1)


    Palmistry Service (option 2)

  • Western Union: Contact me for details.


Question: I am living in India so what are the options for me to pay you?

Answer: Payment options for Indian Clients:

  • Indian client needs to pay me in my SBI Bank via netbanking or direct cash deposit or Paytm.

  • SBI Bank: (State Bank of India)

       Nitin Kumar Singhal
       A/c No.: 61246625123
       IFSC CODE: SBIN0031199
       Branch: Industrial Estate
       City: Jodhpur, Rajasthan. 




  • UPI: 

UPI Number: 160285894
UPI ID: nitinkumarsinghal@sbi


Email ID: nitinkumar_palmist@yahoo.in




Useful Links