कोण का अर्थ विवाह रेखा और संतान रेखा पर
विवाह रेखा और संतान रेखा पर कोण - हस्तरेखा
पति और पत्नी दोनों के हाथो की विवाह रेखा को देखना चाहिए और विवाह रेखा में बन रहे कोण और चिन्ह और उसकी प्रकृति और आकृति को देखना चाहिए।
विवाह रेखा पर बनने वाले कोण सदा ही विवाह या प्रेम सम्बन्धो में रुकावटे तथा अड़चने डालने वाले होते है । प्रथम तो इस लक्षण से युक्त मनुष्यो के विवाह ही नहीं होते और यदि हो जाय तो किसी समय भी उनकी विचार भावना एक नहीं होती है ।
उनकी विचारधारा एक न होने के कारण उनका घर सदा ही नरक के समान अशांत बना रहता है । (नितिन कुमार पामिस्ट) यदि कोण अधिक बड़ा है तो तलाक निश्चित है । यदि कोण बड़ा नहीं तो अलगाव हो सकता है ।
आपको कई बार ऐसे हाथ देखने को मिलेंगे जिन में विवाह रेखा पर कोण बना हुआ है लेकिन तलाक या अलगाव नहीं हुआ है उसका कारण भारतीय समाज है मतलब पति-पत्नी समाज और बच्चो के भविष्य को देखते हुए समझोता कर लेते है और एक ही छत्त के नीचे साथ-साथ रहते हुए भी तलाकशुदा जीवन व्यतीत करते है । (नितिन कुमार पामिस्ट)
यदि कोण संतान रेखा पर बनता है तो संतान जीवत नहीं रहती और यदि जीवित रहती है तो उस संतान से माता-पिता को कष्ट ही प्राप्त होता है चाहे वो किसी भी रूप में प्राप्त हो ।