हाथ से डॉक्टर, इंजीनियर, नेता, गायक, अफसर की पहचान | हस्त रेखा
सबसे पहले ये जान ले की डॉक्टर होना अलग बात है और सफल डॉक्टर होना अलग बात है। डॉक्टर होने के नियम अलग है और सफल डॉक्टर होने के नियम अलग है। सफल डॉक्टर, नेता , इत्यादि के लिए हाथ में अच्छे गुणों (चिन्हो ) का होना आवश्यक है। सबसे अधिक आवश्यक है तीनो मुख्य रेखा का निर्दोष होना और फिर सूर्य रेखा और भाग्य रेखा का बलवान होना।
आपको सफल व्यक्ति के हाथ में अधिकतर तीनो मुख्य रेखा निर्दोष मिलेगी और सूर्य रेखा और भाग्य रेखा भी अच्छी मिलेगी अगर सूर्य रेखा और भाग्य रेखा अच्छी नहीं है तो व्यक्ति को अपयश मिलता है और सफलता मिलने के बाद अचानक से किसी मोड़ पर व्यक्ति को सफलता मिलना बंद हो जाता है और व्यक्ति अर्श से फर्श पर आ जाता है।
महापंडित का हाथ | हस्त रेखा -
१) महापण्डित की पहचान - अनामिका तथा मध्यमा अंगुलिय चिपकी हुई होंवे । अनामिका अंगुली गोल अथवा पतली या चपटी होवें । कनिष्ठा का प्रथम पर्व और पर्वो से लम्बा हो, अन्य अंगुलिय चौकोनी होवें । बुध, शनि, रवि, गुरू तथा चन्द्र के पर्वत ऊंचे उठे सुन्दर होवें । अंगुष्ठ का दूसरा पर्व लम्बा होवें । मस्तिष्क रेखा तथा आयुष्य रेखा परस्पर मिली हुई न होवें तथा सूर्य रेखा एवं मस्तिष्क रेख लम्बी होवे, यह शास्त्र का मर्मज्ञ महापण्डित प्रारूप मे रहेगा ।
डॉक्टर का हाथ | हस्त रेखा -
२ ) डॉक्टर अर्थात् चिकित्सक की पहचान- जिसके हाथ पर मंगल बुध के पर्वत सुन्दर होवे, अंगुलियाँ लम्बी और गोल हों, अंगुलियों के अग्र चौकोनी हो, सभी अंगुलियों की दूसरी ग्रन्थि भी पुष्ट हो, हथेल दृढ होवें, बुध के पर्वत पर ३ या ४ खडी रेखायें हो अथवा मस्तिष्क (माथे) की तथा सूर्य की रेखा गहरी हो, साफ हो, तो वह मनुष्य शल्य चिकित्सा में कुशलतम रहेगा।
वैध का हाथ | हस्त रेखा -
३ ) डॉक्टर अर्थात् उत्तम दवा प्रदाता के योग - जिसके हाथ पर चन्द्र का पर्वत अधिक ऊँचा उठा हुआ मोटा होवे, सूर्य रेखा बलवान होवे वह रोगों पर रामबाण असर को दवा दे सकेगा । वे ही लक्षण वैद्य हकीम के हाथों में होवे तो वह भी प्रशस्त औषधि प्रदाता रहेगा ।
इंजीनियर का हाथ | हस्त रेखा -
४ ) इंजीनियर की पहचान - जिसकी अंगुलियों के नोक मोटे हो, अंगुष्ठ छोटा होवें, अंगुलियां गोल तथा चपटी पतली होवें । हथेली चौडी तथा ग्रहों के पर्वत भी चपटे हों तो वह मनुष्य इंजीनियर रहे तथा कलकारखाने मशीनरी उद्योग में सफलीभूत रहे।
समुद्र क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति का हाथ | हस्त रेखा -
५ ) समुद्री सेना के सैनिक - इसमें जिस व्यति के हाथ की हथेली विस्तृत चौडी होवे तथा चन्द्र पर्वत मण्डल उन्नत होवे तो वह पुरुष नाव, जहाज या सामुद्रि कार्यकर्ता होता हैं।
संगीतज्ञ और गायक का हाथ | हस्त रेखा -
६ ) संगीतज्ञ-गायक- कुशल गायक के हाथ में अंगुलियाँ चौरस होती है अंगुठे का निम्नकोण चिन्हित और उसके ऊपर शुक्र मण्डल दृढ होगा। प्राय: संगीतज्ञ के हाथ में शुक्र के संस्थान (पर्वत) का ऊंचा उठा रहना राग मधुरता का कारक हैं। अंगुलियाँसुकुमार कोमल रहे तो गायन कला में विशेष प्रगति करने वाला जीव रहे।
कुशल चित्रकार-कलाकार का हाथ | हस्त रेखा -
७ ) कुशल चित्रकार-कलाकार- जिसका हाथ बडा हो, अंगुलियाँ लम्बी होवे, सूर्य की अंगुली का प्रथम पर्व अच्छा पुष्ट होवे, वह चित्रकार रहकर व्यवसायशील रहता हैं । चन्द्र पर्वत (स्थान) की विशेषता से वह प्राय: काल्पनिक चित्र खींचे। जिन चित्रकारों की सूर्य अंगुली चौरस हो वह सत्य अथवा असलियत वाले चित्र खींचते हैं। शनि की अंगुली टेढ़ी होने से तथा सूर्य की और झुकी हुई होने से रोगीले उदास प्रकृति के चित्र खींचने में सफलीभूत रहता है।
धर्माचार्य महन्त पादरी का हाथ | हस्त रेखा -
८ ) धर्माचार्य महन्त पादरी योग लक्षण - जिसके हाथ की अंगुलियाँ विशेष कर नजदीक-नजदीक रहती हों, बुध की अंगुली प्रधान कोणदार व नुकीली हो उसका प्रथम पर्व भी लम्बा हो । सूर्य की अंगुली उत्तम पुष्ट होवे, चन्द्र तथा शुक्र के पर्वत उन्नत एवं अंगूठा कमजोर हो, गुरु व शनि के बीच में लम्बी हृदय रेखा गई दिख पडती हो वे उच्च कक्षा के धर्माचार्य मनुष्य होते हैं।
जज (न्यायाधीश) का हाथ | हस्त रेखा -
९ ) जज (न्यायाधीश) का हाथ - जिसके हाथ की अंगुलियाँ लंबी व कोणदार हो और हृदय व मस्तिष्क कि रेखा के मध्यम भाग में चतुष्कोण होवे। बुध की अंगुली की प्रथम पौर लम्बी हो और गुरू की अंगुली सीधी हो, सूर्य का पर्वत उत्तम उठा हुआ हो वह मनुष्य कुशल, सार्थक, दयावान, न्यायाधीश तथा न्याय नीति का अच्छा ज्ञाता होता हैं ।
आदर्श शिक्षक का हाथ | हस्त रेखा -
१०) आदर्श शिक्षक का हाथ - जिसके हाथ में गुरू, शनि, सूर्य व बुध इन चारों ग्रहों के पर्वत ऊंचे उठे हुये हों अंगुलियां लम्बी हो, उसके अग्रभाग मोटे हो और मध्यमा का दूसरा पर्वत लम्वा हो, सूर्य की रेखा उच्छी उठी हुई हो वह मनुष्य विद्याभ्यास कराने वाला आदर्श शिक्षक बनता है।
अधिकारी, आफीसर का हाथ | हस्त रेखा -
११ ) अधिकारी, आफीसर, अनुशासक का हाथ - जिसके बाएँ हाथ की अंगुलियों की अपेक्षा दाहिने हाथ की तर्जनी व कनिष्का अंगुली अधिक अच्छी जोरदार हो और मंगल का क्षेत्र (हथेली का मध्यभाग) अधिक उंचा उठा न हो, वह मनुष्य आफोसर कार्यकर्ता अधिकारी उच्च पदस्थ होता हैं।
राजनेता का हाथ | हस्त रेखा -
१२ ) नेता का हाथ - अच्छी भाग्य रेखा जो चंद्र पर्वत से शुरू हो और सीधे शनि पर्वत तक जाय और या फिर गुरु पर्वत पर जाय और साथ में अच्छी सूर्य रेखा हो। स्वतंत्र त्रिकोण गुरु पर्वत हो तो व्यक्ति कुशल नेता बनता है।
ज्योतिषी का हाथ | हस्त रेखा -
१३ ) ज्योतिषी का हाथ - हाथ में गुरु मुद्रिका हो, रहस्मय क्रॉस हो, भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से शुरू हो और अंगुष्ठ में यव हो।