क्रॉस या धन चिन्ह गुरु पर्वत पर होना | Cross On Mount Of Jupiter
क्रास गुरु क्षेत्र परः–साधारणतया देखने में यही आया है की यह क्रास चिन्ह किसी भी हाथ में कुछ विशेष फलदायक सिद्ध नहीं होता है चाहे जितना सुन्दर, साफ और स्पष्ट होकर किसी भी ग्रह क्षेत्र तथा छोटी-बड़ी रेखाओं पर ही विद्यमान् क्यों न हो।
किन्तु फिर भी सर्वथा निर्दोष होने पर इसकी स्थिति बृहस्पति क्षेत्र पर दूसरे ग्रह क्षेत्रो की अपेक्षा कही शुभ फलदायक होती है। जिस मनुष्य का दाहिना हाथ इस लक्षण से युक्त होता है , वह मनुष्य प्रेम के मामले में बड़ा ही सर्तक तथा भाग्यशाली होता है। ऐसा मनुष्य आदर्श प्रम विवाह का अत्यधिक महत्ता देने वाला तथा धनादि सम्पन्न घर में सम्बन्ध करने वाला, अपनी प्रतिष्ठा चाहने वाला होता है । ऐसे मनुष्य को पत्नी सुन्दर, दहेज काफी से ज्यादह मिलता है। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । यदि यह चिन्ह जीवन रेखा के समीप हो तो किशोरावस्था में, गुरु क्षेत्र के मध्य में होने से भरे यौवन में और तर्जनी के तृतीय पोरुए के समीप होने से प्रौढ़ा तथा वृद्धावस्था में इस प्रकार प्रेम सम्बन्ध तथा विवाह आदि होने सम्भव हो जाते हैं । इस प्रकार के सम्बन्धों में आपसी प्रेम बहुत होता है जोकि आनन्दमय जीवन व्यतीत करने के लिए अत्यन्त शुभ लक्षण हैं ।
ऐसा मनुष्य धार्मिक विचार रखने वाला बड़ा ही परोपकारी होता है। ऐसा मनुष्य बड़ा ही प्रभावशाली तथा मिलनसार होता है किन्तु शुभ क्रास का कोई अवरोध रेखा विरोध करे अथवा काटे तो इसका सभी शुभ प्रभाव दूषित हो जाता है और उस मनुष्य की अभिलाषा पूर्ण न होने पर घोर निराशा का सामना करना पड़ता है।
शनि पर्वत पर क्रॉस का महत्त्व जाने - क्रॉस या धन चिन्ह शनि पर्वत पर होना