हाथ का आकार प्रकार हस्तरेखा
हाथ की रेखाएँ जिस पृष्ठभूमि पर लिखी जाती है वह हैं-अंगुलिया, अंगूठे और हथली। जिस प्रकार किसी चित्र या व्यक्ति की पृष्ठभूमि बदल देने से उसका प्रभाव बदल जाता है उसी प्रकार हाथ का आकार प्रकार बदलने से हस्तरेखा का अर्थ बदल जाता है। इसलिए आइए हाथ के आकार से अपनी बात शुरू की।
हाथ (Hand)
अधिकतर हाथ का आकार शरीर के अन्य अंगों के अनुपात के अनुसार होता। है, लेकिन कभी-कभी एक-सी लम्बाई वाले व्यक्तियों में हाथ का आकार अन्य अंगों के अनुपात में बड़ा या छोटा होता है। हाथ का आकार औसत से छोटा होने पर उसे छोटा हाथ' और औसत से बड़ा होने पर बड़ा हाथ' कहते हैं। जब हथेली की चौड़ाई अँगूठे के मूल से अँगूठे के शीर्ष तक की चौड़ाई से अधिक हो तो उसे चौड़ा हाथ कहते हैं। जब हाथ की लम्बाई मणिबन्ध से बीच की अँगुली (मध्यमा) की नोंक तक अनुपात से अधिक लम्बी हो तो उसे लम्बा हाथ कहते हैं। अनुपात से छोटा होने पर छोटा हाथ। ।
हाथ का पृष्ठभाग (Back of the Hand)
हाथ में जिस तरफ रेखाएँ होती हैं उसे भीतरी भाग अथवा हथेली कहते हैं। हथेली के दूसरी ओर के भाग को हाथ का पृष्ठभाग (Back of the Hand) कहते है। इस ओर अधिकांश पुरुषों में बाल होते है।
हाथों पर बाल (Hair on the Hand)
हाथ के पृष्ठभाग पर बालों का होना पुरुष की कामशक्ति का परिचायक होता है। उनमें शारीरिक-शक्ति अधिक होती है। ऐसे पुरुषों को अपने मन पर निया करने में कठिनाइयाँ आती हैं। हाथों के पृष्ठभाग पर बाल बहुत कम होना होना परुष का झुकाव कल्पना, कला, मानसिक विकास तथा आत्मरति को प्रकट करता है। उन्हें अपने आप से ही अधिक प्यार होता है। वे दूसरों की शीघ्र ही अपने को परिस्थितियों के अनुकूल बना लेते है।
जिनके हाथ के पृष्ठभाग पर काले बाल अधिक होते है वे शारीरिक रूप से अधिक शक्तिशाली, क्रोधी, साहसी, कम संयम वाले तथा कामुक होते हैं। उनका झुकाव मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति की ओर कम होता है। सुनहरे और भूरे बाल वालों में कलात्मकता होती है और वे सौन्दर्य प्रेमी होते हैं।
हाथ के पृष्ठभाग पर लाल बालों वाले पुरुष अन्य की अपेक्षा जल्दी प्रतिक्रिया करते तथा जल्दी उत्तेजित हो जाते हैं। आयु बढने के साथ ही बालो का सफ़ेद होना शुरू हो जाता है और उसी के अनुसार पुरुषों की शारीरिक क्षमताये घटने लगती है। उनके क्रोध, ‘काम’ और कार्यों को करने की शक्ति होती जाती है। परन्तु युवावस्था में ही हाथों के पृष्ठभाग के बालों का सफेद होना व्यक्ति के मानसिक तनाव, चिन्ता, जल्दबाजी और शारीरिक परिश्रम कम करने को प्रकट करता है।
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