यात्रा रेखा (Travel Line) -
आप जानना चाहते हो की आपके हाथ में विदेश यात्रा योग (Videsh Yatra Yog In Palm) है या नहीं है और अगर है तो कब और किस उम्र में आप विदेश जा सकते हो तो इसके लिए आपके हाथ में यात्रा रेखा होना आवश्यक है और साथ में प्रबल भाग्य रेखा और प्रबल सूर्य रेखा होना आवश्यक है।
अगर अच्छी विदेश यात्रा रेखा नहीं है तो विदेश जा कर भी सफलता नहीं मिलेगी।
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हथेली में विदेश यात्रा रेखा से पता करना विदेश कब जाएंगे (When Will I Go Abroad) -
अगर आपके हाथ में विदेश यात्रा रेखा (Abroad Line In Palm) है तो आप जरूर विदेश जाएंगे और कब जाएंगे इसके लिए आपको भाग्य रेखा में आय परिवर्तन को देखना होगा जैसे भाग्य रेखा से रेखा निकल कर सूर्य पर्वत की तरफ जाना या भाग्य रेखा से नई भाग्य रेखा निकलना या फिर भाग्य रेखा में ओवरलैप होना तो ये सम्भावना रहती है की व्यक्ति उस अवधि के दौरान विदेश यात्रा करेगा (ऐसे बहुत सारे और योग भी भाग्य रेखा पर होते है लेकिन यहाँ सबकी चर्चा नहीं की जा सकती है )
शादी के बाद विदेश यात्रा या विदेश जा कर शादी करना (Abroad Travel After Marriage Or Marriage In Abroad)
यदि आपकी भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से निकल रही है और प्रभाव रेखा उस से मिल रही है तो ऐसा योग बनता है और सूर्य रेखा से हृदय रेखा की शाखा मिल रही है या फिर विवाह रेखा सूर्य रेखा से मिल रही है तो भी ऐसा योग बनता है।
हमेशा के लिए विदेश में बसने का योग (Line Of Foreign Permanent Settlement)
यदि आपकी यात्रा रेखा, भाग्य रेखा, सूर्य रेखा प्रबल है और जीवन रेखा या जीवन रेखा की शाखा चंद्र पर्वत पर समाप्त हो रही है तो ऐसा योग बनता है।
हथेली में पाई जाने वाली यात्रा रेखा | Types of Travel Line On Hand
शिक्षा , व्यापार अथवा पर्यटन हेतु विदेश जाना आम बात है। विदेश यात्रा की सूचना हथेली में पाई जाने वाली यात्रा रेखायें देती हैं जो क्रमश: चन्द्र पर्वत पर, मणिबंध से एवं जीवन रेखा से उदित होकर जीवन रेखा के साथ-साथ चलने वाली रेखाएं होती हैं। शुक्र से जाने वाली रेखा जल यात्रा दर्शाती है, चन्द्र से सूर्य पर जाने वाली रेखा वायु यात्रा तथा मंगल से निकल कर चन्द्र पर जाने वाली रेखा स्थल यात्रा दर्शाती है।
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यात्रा रेखा का परिचय (Meaning Of Traveling Line On Hand)
चन्द्र पर्वत पर आड़ी एवं खड़ी रेखा दोनों से यात्रा का विचार किया जाता है तथा जीवन रेखा से निकलकर चन्द्र पर्वत पर पहुंचती रेखाएं या हथेली के पाश्र्व से चन्द्र पर आती हुई रेखाएं यात्रा रेखा कहलाती है। मणिबन्ध से उठकर चन्द्र पर पहुंचने वाली रेखायें भी यात्राओं के बारे में ज्ञान दर्शाती हैं। यात्रा रेखाओं की शक्ति पर्वत की प्रधानता के अनुसार निश्चित की जाती है।
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तीर्थ यात्रा योग (हज करना या तीर्थस्थान जाना)
जब भी यात्रा रेखा जीवन रेखा को मिल जाती है तो ऐसा माना जाता है की व्यक्ति अपने जीवन में तीर्थ यात्रा जरूर करता है।
जीवन में शुभ-अशुभ यात्राएँ और दुर्घटनाएँ (Lucky Or Unlucky Line Of Travel)
जीवन एक यात्रा है जो जन्म के साथ शुरू होती है और मत्य पर समाप्त, परन्तु इस जीवन यात्रा में हमें अपने व्यवसाय या भिन्न-भिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए छोटी-बड़ी अनेक यात्राएँ करनी होती हैं। इनसे लाभ-हानि, यश-अपयश आदि भी प्राप्त होता है। अब हम इन्हीं यात्राओं के बारे में जानेंगे।
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विदेश में नौकरी करने का योग (Line Of Job In Abroad )
हाथ में कुछ योग या इस तरह की रेखा होती जिस कारण व्यक्ति विदेश चला जाता है और विदेश में नौकरी करता है।
ऐसा जरूरी नहीं की वह व्यक्ति अमीर घर से हो या फिर बहुत पढ़ा लिखा व्यक्ति हो अगर हाथ में यात्रा रेखा प्रबल है तो वह व्यक्ति चाहे गरीब हो या अनपढ़ हो उसको विदेश ले ही जाती है।
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एक से ज्यादा यात्रा रेखा होना (Multiple Travel Lines)
हाथ में ज्यादा यात्रा रेखा होने पर व्यक्ति ज्यादातर विदेश ही रहता लेकिन बार बार अपने पैतृक स्थान पर आता रहता है लेकिन यदि यात्रा रेखा अच्छी नहीं है तो विदेश में सफलता नहीं मिलती है।
यात्रा चंद्र पर्वत (Mount of Moon) मणिबंध (Bracelet) और जीवन रेखा से मुख्यतय: शुरू होती है लेकिन भाग्य रेखा और सूर्य रेखा का भी महत्त्व इस में शामिल रहता है।