हृदय रेखा में विभिन्न चिह्न
(1) द्वीप चिह्न : यदि हृदय रेखा द्वीप चिह्न सहित बृहस्पति क्षेत्र से आरम्भ हो, तो फेफड़े और गले की बीमारी का संकेत मिलता है।
यदि शनि क्षेत्र के नीचे हृदय रेखा में द्वीप चिह्न हों, तो यह एक गम्भीर अशुभ लक्षण है। ऐसी स्थिति में जातक की समृद्धि और भाग्य प्रेम सम्बन्धों के कारण प्रभावित होता है।
हृदय रेखा में सूर्य क्षेत्र के नीचे द्वीप चिह्न होने पर आंखों की बीमारी होती है। बुध क्षेत्र के नीचे द्वीप चिह्न हो, तो प्रेम सम्बन्धों के कारण व्यापार में बाधा पड़ती है।
यदि हृदय रेखा में शनि क्षेत्र के नीचे द्वीप चिह्न हो और भाग्य रेखा में भी द्वीप चिह्न मौजूद हो , तो जातक का प्रेम निम्नस्तरीय व्यक्तियों से हो जाता है, जो थोड़ी-सी बात पर टूट जाता है।
यदि सम्पूर्ण हृदय रेखा द्वीप चिह्नयुक्त जंजीर की तरह हो और शनि क्षेत्र के नीचे से निकल रही हो, तो जातक का विपरीत सेक्स के प्रति कोई आकर्षण नहीं होता, उसकी इच्छाएं असामान्य होती हैं।
(2) वर्ग या त्रिभुज चिह्न : यदि हृदय रेखा बीच में टूटी हुई हो और वह स्थान वर्ग या त्रिभुज के चिह्न से घिरा हुआ हो, तो जातक के जीवन में दुर्घटना का विशेष असर नहीं पड़ता, क्योंकि वर्ग या त्रिभुज ऐसे समय में परिरक्षण प्रदान करते हैं।
(3) वृत्त चिह्न : हृदय रेखा में उपस्थित वृत्त चिह्न हृदय की कमज़ोरी के परिचायक होते है। यदि शनि क्षेत्र के नीचे हृदय रेखा में वृत्त हो, तो नेत्र ज्योति की कमजोरी होती है।
(4) बिन्दु चिह्न : काले बिन्दु चिह्न प्रेम सम्बन्धों के कारण होने वाले हार्दिक कष्ट या हृदय की धड़कन बढ़ जाने का संकेत देते हैं। यदि शनि क्षेत्र के नीचे काला बिन्दु चिह्न हो, तो नीच किस्म के व्यक्तियों से प्रेम सम्बन्ध के कारण उत्पन्न आत्मिक कष्ट का परिचायक है। सूर्य क्षेत्र के नीचे बिन्दु चिह्न हो, तो जातक की उच्चाकांक्षाओं को सम्बद्ध व्यक्ति प्रभावित करते हैं । यदि बुध क्षेत्र के नीचे हृदय रेखा में काला बिन्दु चिह्न हो, तो आर्थिक कारणों से प्रेम सम्बन्धों में बाधा या किसी चिकित्सक, वैज्ञानिक या व्यापारी द्वारा उत्पन्न की गयी जातक के कार्य क्षेत्र में बाधा का संकेत मिलता है।
हलके काले या नीलाभ बिन्दु चिह्न मलेरिया बुखार या जोड़ों के दर्द के परिचायक होते हैं।
हृदय रेखा में उपस्थित सफ़ेद बिन्दु चिह्न शुभ होते हैं। सफ़ेद बिन्दु चिह्न हृदय की श्रेष्ठ भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
(5) क्रास चिह्न : हृदय रेखा में उपस्थित क्रास चिह्न प्रेम सम्बन्धों की असफलता या दुःख के परिचायक होते हैं। यदि क्रास चिह्न बुध क्षेत्र के नीचे हो, तो आर्थिक हानि या व्यापार में असफलता मिलती है।
हृदय रेखा और भाग्य रेखा के कटान बिन्दु पर कई क्रास चिह्न हों, तो प्रेम सम्बन्धों के कारण जातक को गम्भीर कष्ट का सामना करना पड़ता है।
(6) गहरा धब्बा : यदि हृदय रेखा के बीच में लम्बा फैला हुआ गहरा धब्बा हो, तो जातक को मिर्गी रोग का ख़तरा रहता है।
(7) नक्षत्र चिह्नः हृदय रेखा में उपस्थित नक्षत्र चिह्न भी क्रास चिह्न की तरह अशुभ और दुःखदायी होता है। यदि हृदय रेखा से निकलकर उसकी कोई शाखा चन्द्र क्षेत्र तक जाये और उसके अन्त में नक्षत्र चिह्न हो , तो यह वंशानुगत नामर्दी का लक्षण है, जो प्रेम सम्बन्धों के दुष्प्रभाव से उत्पन्न होती है।