हथेली पर लहरदार सूर्य रेखा हस्तरेखा शास्त्र | Lahardar Surya Rekha

हथेली पर लहरदार सूर्य रेखा

हथेली पर लहरदार सूर्य रेखा हस्तरेखा शास्त्र 

लहरदार सूर्य रेखा या सर्प जैसे सूर्य रेखा व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं है, यह कैरियर में अस्थिरता को दर्शाता है।

लहराती सूर्य रेखा बहुत काम हाथों पर पाई जाती है इसलिए यह एक दुर्लभ संकेत है।

यदि भाग्य रेखा भी लहरदार या कमजोर है तो यह बहुत दुर्भाग्य का संकेत देता है।

अधिकांश समय लहरदार सूर्य रेखा चतुर्भुज (हृदय रेखा और शीर्ष रेखा के बीच) या राहु के पर्वत से शुरू होती है ।

लहरदार सूर्य रेखा ऋण और धन की समस्या को दर्शाती है, यानि "आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया"।

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हस्तरेखा में कुछ महत्वपूर्ण योग | Mahatvapurna Yog Hastrekha Shastra

हस्तरेखा में कुछ महत्वपूर्ण योग 
हस्तरेखा में कुछ महत्वपूर्ण योग
१) हस्तरेखा में राजनीतिक योग

परिभाषा : यदि मध्यमा जंगली का अग्र भाग मूकीला हो तथा सूर्य रेखा विकसित और लम्बी हो तो यह योग होता है। अथवा कुष पर्वत पर त्रिकोण का चिह्न हो तब भी यही योग होता है।

फल : जिसके हाथ में यह योग होता हैं वह राजनीति के क्षेत्र में अत्यधिक उन्नति करता है तथा यश प्राप्त करता

२) हस्तरेखा में अन्वेषण योग

परिभाषा : जिसके हाथ में मस्तिष्क रेखा पर सफेद चिन्ह हों तो यह योग होता है ।

फल : जिसके हाथ में यह योग होता हैं बहू नई-नई बस्तुओं की खोज करने वाला तथा सफल आविष्कारक होता
टिप्पणी : इसके अलावा सूर्य और बुध पर्वत विकसित हों तब भी यही योग होता है या दोनों अंगूठे पीछे की ओर बहुत अधिक मुड़े हुए हों या बुध पर्वत हथेली के बाहर की और झुका हुआ हो तो तब भी यह योग बनता है।

३) हस्तरेखा में कानून योग

परिभाषा : यदि शनि रेखा एवं गुरु रेखा विकसित हो अथवा मणिबन्ध से गुरु पर्बत तक कोई रेखा पहुंचती हो तो यह योग होता है।

फल: जिसके हाथ में यह होता है वह कानून को जानने वाला सफल वकील, अथवा श्रेष्ठ न्यायधीश होता हैं।

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स्वास्थ्य-रेखा से भाग्योदय विचार । Swasthaya Rekha Se Bhagyoday Vichar Hastrekha Gyan

स्वास्थ्य-रेखा से भाग्योदय विचार । हस्तरेखा ज्ञान - Swasthaya Rekha Se Bhagyoday Vichar Hastrekha Gyan
स्वास्थ्य-रेखा से भाग्योदय विचार । हस्तरेखा ज्ञान - Swasthaya Rekha Se Bhagyoday Vichar Hastrekha Gyan 

बहुत-से प्राचीन हस्त-परीक्षकों ने स्वास्थ्य-रेखा को व्यापार का स्वामी माना है। इसका कारण यह है कि बुध का व्यापार से बहुत अधिक सम्बन्ध है। परन्तु अधिकतर झुकाव इसी ओर है । अतः इस रेखा से स्वास्थ्य का विचार करना चाहिए । हाँ ! यदि किसी हाथ में भाग्य-रेखा तथा सूर्य-रेखा न हों तो स्वास्थ्य-रेखा को ही भाग्य-रेखा मानकर विचार किया जाता है। 

जिस प्रकार अन्य रेखाओं के सुन्दर और सबल होने से उन-उन रेखाओं से सम्बंधित सुख और ऐश्वर्य होता है उसी प्रकार स्वास्थ्य रेखा के अच्छे होने पर स्वास्थ्य अच्छा और भाग्योदय अच्छा होगा। 

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त्रिभुज की परिभाषा और फल

त्रिभुज - हम सभी जानते है की त्रिभुज या त्रिकोण तीन रेखाओ को मिल कर बनता है। त्रिभुज की तीनो रेखाय जितनी साफ़ और सुन्दर होगी उतना ही अच्छा फल मिलेगा। इसके विपरीत त्रिभुज की रेखाय यदि अस्पष्ट है तो व्यक्ति को उसका लाभ नहीं मिलता है।

त्रिभुज - हम सभी जानते है की त्रिभुज या त्रिकोण तीन रेखाओ को मिल कर बनता है। त्रिभुज की तीनो रेखाय जितनी साफ़ और सुन्दर होगी उतना ही अच्छा फल मिलेगा।

किसी भी जातक के हाथ में त्रिभुज का होना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा व्यक्ति विवेकशील, दूरदर्शी, और क्रियाशील होता है।  त्रिभुज जिस भी क्षेत्र में होता है उस क्षेत्र के गुणों में वृद्धि कर देता है।


त्रिभुज का गुरु या बृहस्पति पर फल 

गुरु पर्वत पर त्रिभुज बहुत कम पाया जाता है।  फिर भी जिन हाथो में त्रिभुज गुरु पर्वत पर विद्यमान है वह व्यक्ति उच्चभिलाषी , सफल राजनीतिज्ञ , और धार्मिक गुरु बन सकता है। ऐसा व्यक्ति जनता का सेवक होता है और जनता के लिए कार्य करता है।

गुरु पर्वत पर त्रिभुज चिन्ह व्यक्ति को यश, मान-सम्मान , और विदेश यात्रा करवाता है।

त्रिभुज के दूषित हो जाने यानी किसी रेखा से इसको काट दिया जाय तो इसके फल में कमी आ जाती है और व्यक्ति घमंडी हो जाता है।


त्रिभुज का शनि पर्वत पर फल 

यदि किसी व्यक्ति के हाथ में  छोटा सा त्रिभुज शनि पर्वत पर सुन्दर साफ़ स्पष्ट तथा निर्दोष रूप से विद्यमान हो तो वह व्यक्ति तंत्र विद्या में माहिर होता है।  ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । ऐसा व्यक्ति तांत्रिक, ज्योतिष, गुप्त विद्याओ को सीखने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति लाटरी, जुए का भी शौकीन होता है।

अगर यही त्रिभुज दूषित हो जाय तो व्यक्ति ठग बन जाता है और लोगो को लूटने का काम करता है।


त्रिभुज का रवि या सूर्य पर्वत पर फल 

यदि किसी व्यक्ति के हाथ में त्रिभुज रवि पर्वत के नीचे या क्षेत्र पर है तो ऐसा व्यक्ति धार्मिक, परोपकारी , समाजसेवक, कुशल वैध, अच्छा चित्रकार, कलाकार और प्रतिभा का धनि होना है।

ऐसा व्यक्ति हर कार्य में सफलता ही प्राप्त करता है और जो इसके साथ जुड़ते है उनका भी भला हो जाता है।

यदि त्रिभुज दूषित है तो व्यक्ति को अपयश मिलता है और वो ज्यादातर उसकी कला से सम्बंधित ही होता है।


त्रिभुज का बुध पर्वत पर फल 

यदि त्रिभुज पर्वत पर है तो व्यक्ति को साइंस में रुचि रहती है।  ऐसा व्यक्ति सफल व्यापारी होता है। अच्छा वकील, प्रवक्ता होता है। अच्छा कूटनीतिज्ञ और सलाहकार होता है। लेकिन ऐसे लोग पैसा जोड़ नहीं पाते है और खर्च कर देते है।

यदि त्रिभुज कटा हुआ या टूटा हुआ है तो वह व्यक्ति सिर्फ बातो का राजा होता है और असल जिंदगी में कुछ हासिल नहीं कर पता है कारण वह सिर्फ टाइम पास करता है।


त्रिभुज का चंद्र पर्वत पर फल 

यदि त्रिभुज चंद्र क्षेत्र में है तो वह व्यक्ति काल्पनिक होता है।  ऐसा व्यक्ति अच्छा चित्रकार , दस्तकार , मूर्तिकार , प्रकृति से प्रेम करने वाला और मिलनसार होता है। अपने हुनर से नाम बनाता है।

यदि ये त्रिभुज अच्छा नहीं है तो वह व्यक्ति शेख़चिल्ली की भांति बन कर रह जाता है और जगह जगह अपना उपहास बनवाता फिरता है।


त्रिभुज का केतु पर्वत पर फल

केतु क्षेत्र पर त्रिभुज अत्यंत लाभकारी होता है ऐसे में व्यक्ति को बाल्यकाल से भी सबकुछ प्राप्त होने लगता है। पैतृक सम्पति का सुख मिलता है और परिवार के नाम और हैसियत का बहुत लाभ मिलता है।

लेकिन खराब त्रिभुज होने पर बचपन भी नीरसता से गुजरता है और पैतृक सम्पन्ति होते हुए भी नहीं मिलती है।


त्रिभुज का जीवन रेखा या आयु रेखा पर फल

यदि किसी मनुष्य के दाहिने हाथ की जीवन रेखा के आरम्भ में त्रिभुज का चिन्ह स्पष्ट और सुन्दर और साफ़ है तो उस समय ऐसा त्रिभुज उस व्यक्ति की प्राणो की रक्षा करता है।  ऐसा व्यक्ति बचपन में बीमार होता है लेकिन त्रिभुज उसको अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है मतलब बीमार होने पर भी व्यक्ति में ऊर्जा बनी रहती है।  ऐसे व्यक्ति की मृत्यु लम्बी बीमार के पश्चात ही होती है।


त्रिभुज का शीश रेखा या मस्तक रेखा पर फल

शीश रेखा पर त्रिभुज को सबसे भाग्यशाली माना गया है।  ऐसा व्यक्ति अपने दिमाग के दम पर बहुत अच्छी तरक्की करता है और बहुत नाम और पैसा बनाता है।

ऐसा व्यक्ति बिज़नेस और नौकरी में बहुत बड़ी ओहदे पर होता है। ऐसे व्यक्ति के पास काफी बैंक बैलेंस और प्रॉपर्टी होती है।

लेकिन यदि त्रिभुज दूषित है तो व्यक्ति को चिंता लगी रहती है और आय से ज्यादा व्यय होता है।


त्रिभुज का हृद्य रेखा पर फल

 यदि त्रिभुज हृदय रेखा या हृदय रेखा पर बन रहा तो व्यक्ति को जीवन के अंतिम क्षणों में लाभ प्राप्त होता है। ऐसा व्यक्ति मध्य आयु के पश्चात अमीर बनता है।  ऐसा व्यक्ति बहुत पढ़ा -लिखा होता है।

यदि त्रिभुज दोषयुक्त है तो व्यक्ति को हृद्यघात होता है और ऐसे व्यक्ति को प्रेम में निराशा की वजह से दुःख और पीड़ा उठानी पड़ती है।


त्रिभुज का रवि  रेखा या सूर्य रेखा पर फल

यदि किसी मनुष्य के दाहिने हाथ में अनामिका ऊँगली के तृतीया पोरे के साथ रवि रेखा पर कोई त्रिभुज बन जाय तो व्यक्ति को लेखन में सफलता मिलती है।  किन्तु ख्याति अंतिम समय में मतलब बहुत लेट मिलती है। ऐसे व्यक्ति एकाकी जीवन जीते है।

त्रिभुज अच्छा न होने पर ऐसे व्यक्ति मुफत होते है और हठी होते है और अपने हाथो ही अपना कैरियर खत्म कर लेते है।

त्रिभुज का स्वास्थ्य रेखा पर फल

स्वस्थ्य रेखा पर त्रिभुज स्वास्थ्य और व्यापार में गिरावट का संकेत माना जाता है। 

त्रिभुज का विवाह रेखा पर फल

विवाह रेखा पर त्रिभुज होने पर वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहता है ।

त्रिभुज का यात्रा रेखा पर फल

यात्रा रेखा पर त्रिभुज होने पर यात्रा अधिक करनी पड़ती है ।

त्रिभुज का चंद्र  रेखा पर फल

चंद्र  रेखा पर त्रिभुज होने पर व्यक्ति की अंतरदृष्टि में वृद्धि होती है।

त्रिभुज का मंगल रेखा पर फल

मंगल रेखा पर त्रिभुज होने पर व्यक्ति के मस्तक के बल में वृद्धि होती है।

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बृहत् त्रिकोण में विविध चिह्न और उनका फल हस्त-रेखा-विज्ञान | Signs On Great Triangle Palmistry

बृहत् त्रिकोण में विविध चिह्न और उनका फल | Signs On Great Triangle Palmistry
बृहत् त्रिकोण में विविध चिह्न और उनका फल हस्त-रेखा-विज्ञान | Signs On Great Triangle Palmistry

बिन्दु-चिह्न-
यदि स्त्रियों के हाथ में लाल बिन्दु-चिह्न हो तो उनके गर्भिणी होने का लक्षण है। यदि सफ़ेद बिन्दु-चिह्न हो तो खून की कमी, कज़मोरी से मूर्छा रोग का लक्षण है।

रेखा-
(क) जीवन-रेखा से निकल कर यदि ऊपर की ओर रेखायें जावें तो यह बहुत शुभ लक्षण है। जिस अवस्था में जीवन-रेखा से ये शाखा-रेखा निकलें उस वर्ष में धनागम, भाग्योदय, यश, प्रतिष्ठा-वृद्धि समझना चाहिए।

(ख) यदि बृहत् त्रिकोण के मध्य में (जीवन-रेखा या भाग्य. रेखा को स्पर्श न करती हुई) कोई दो शाखायुक्त छोटी-सी रेखा हो तो स्वास्थ्य की कमजोरी प्रकट करती है।

क्रॉस-चिह्न-
(क) यदि मध्य भाग में कोई 'क्रॉस'-चिह्न हो तो ऐसा व्यक्ति अन्य लोगों से झगड़ा कर अपने लिए कठिनाइयाँ पैदा करेगा। यदि दोनों में यह चिह्न हो और अन्य लक्षणों से पुष्टि होती हो, तो कत्ल तक कर सकता है।

(ख) यदि बहुत से 'क्रॉस'-चिह्न हों तो निरन्तर भाग्यहीनता (तरक्की में रुकावट) प्रकट होती है। यदि जहाँ स्वास्थ्य-रेखा जीवन-रेखा से मिलती है। उस कोण के पास बृहत् त्रिकोण में क्रॉस-चिह्न हो तो कोई फ़ौजदारी मुकदमा चलता है। ऐसे व्यक्ति की मान-प्रतिष्ठा को काफ़ी धक्का पहँचने का अन्देशा होता है। जीवन में काफ़ी गिरावट (तबदीली) होती है।

(ग) यदि जहाँ जीवन-रेखा और शीर्ष-रेखा मिलती हैं उस कोण के पास क्रॉस-चिह्न हो और किसी प्रधान रेखा को स्पर्श न करता हो तो ऐसा व्यक्ति मुकदमा जीतत है किन्तु यदि शीर्ष-रेखा या जीवन-रेखा को क्रॉस स्पर्श करे तो मुकदमा हार जाता है।

(घ) यदि बृहत् त्रिकोण के मध्य में स्पष्ट-सा क्रॉस-चिह्न हो (शुद्ध एक रेखा दूसरे को न काटे किन्तु क्रॉस के ढंग का चिह्न हो) और शनि-क्षेत्र पर आड़ी रेखायें हों तो बराबर भाग्यहीनता का सिलसिला चलता है।

तारे का चिह्न-
(क) यदि एक हाथ में एक चिह्न हो तो शुभ लक्षण है । मनुष्य को बहत परिश्रम करने पर धन या सफलता प्राप्त होती है किन्तु यदि दोनों हाथों में यह चिह्न हो तो अशुभ लक्षण है। किसी शस्त्र या दुर्घटना से मृत्यु होती है।

(ख) यदि स्वास्थ्य-रेखा के पास-हत् त्रिकोण के अन्दर कारेका चिह्न हो तो ऐसा व्यक्ति अन्धा हो जाता है।

(ग) यदि तारे का चिह्न स्पष्ट न हो किन्तु घिच-पिच हो तो प्रेम सम्बन्ध के कारण कठिनाइयाँ होती हैं।

(घ) यदि शुक-क्षेत्र से कोई प्रभाव-रेखा चलकर जीवन-रेखा को काटती हई बृहत् त्रिकोण के मध्य में आवे और समाप्त हो जावे और इस रेखा के अन्त पर तारे का चिह्न हो तो बड़ा सदमा होता है। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें। यदि जहाँ से यह प्रभाव-रेखा प्रारम्भ हुई है उस ओर भी तारे का चिह्न हो तो अत्यन्त निकट सम्बन्धी या मित्र की मृत्यु का सदमा लगता है।

वत्त-चिह्न-
किसी स्त्री के कारण कठिनाइयाँ उठानी पड़ती हैं। यदि स्त्री के हाथ में हो तो किसी पुरुष के कारण समझनी चाहिए। यदि चन्द्र-क्षेत्र भी उच्च हो तो चिड़चिड़ापन, दूसरे की बात काटना, झगड़ा करना आदि का स्वभाव होता है।

वर्ग-चिह्न
यदि किसी रेखा का स्पर्श न करे तो खतरे का अन्देशा सूचित करता है।

त्रिकोण-चिह्न
यदि जीवन-रेखा और भाग्य-रेखा के बीच में हो तो लड़ाई (फ़ौजी जीवन) में यश, प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।

जाल-चिह्न
यदि हाथ में अन्य लक्षण अच्छे हों तो यह प्रकट होता है कि ऐसे व्यक्ति के बहुत से गुप्त शत्रु होंगे। यदि हाथ में अन्य लक्षण अच्छे न हों तो ऐसे व्यक्ति की शर्मनाक मृत्यु होती है।

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