ज्योतिष शास्त्र में शुक्र पर्वत को मानव जीवन में दाम्पत्य प्रेम और मधुर भाव की प्रधानता का सूचक माना गया है।
अंग्रेजी में शुक्र पर्वत को वीनस कहा जाता है। हथेली में शुक्र पर्वत अँगूठे के नीचे कलाई के ऊपर स्थित होता है।
शुक्र पर्वत से आमतौर पर व्यक्ति के अंदर प्राण ऊर्जा, कामुकता, रोमांस, गीत-संगीत, सेक्स और वासना का अंदाज़ा लगाया जाता है।
शुक्र पर्वत ऊंचा उठा - प्रेमी, दाम्पत्य सुख, कामुकता, सौंदर्य कला प्रेमी, प्रेम में भावुकता ।
शुक्र पर्वत नीचा हो - प्रेम सुख हीन, केवल भौतिक कार्यों में चित्त, दाम्पत्य सुख की कमी, निस्पृही ।
शुक्र पर्वत मध्यम उठा हो – संतुलित प्रेम सुख, सीमित मित्र, साधारण दाम्पत्य सुख ।
शुक्र पर्वत भीतर की ओर दबा हुआ और बाहर की ओर ऊँचा उठा हो - प्रेम सुख रहते उपभोग पर्याप्त नहीं ।
शुक्र पर्वत बीच में अधिक उठा हुआ – पर्याप्त प्रेम सुख, आनन्द मय ।
शुक्र पर्वत पर खड़ी रेखाएँ- संतान, भाई-बहन की रेखा रहती है।