अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2025 में पड़ने वाले त्यौहार और व्रत रखने व पूजा करने की तिथियाँ
अक्टूबर 2025
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02 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) – महालया अमावस्या
पूजा विधि: पितरों के लिए तर्पण करें, काले तिल, जल और पिंडदान अर्पित करें। -
10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) – करवा चौथ
पूजा विधि: माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें, संध्या समय चंद्रमा को अर्घ्य दें। -
20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) – लक्ष्मी पूजा
पूजा विधि: माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को सजाकर दीपक, पुष्प, धूप और मिठाई अर्पित करें। -
21 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) – दीपावली / कार्तिक अमावस्या
पूजा विधि: घर में दीप जलाएँ, माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें। -
23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) – भाई दूज
पूजा विधि: बहन भाई को तिलक करे, मिठाई खिलाए और आरती उतारे। -
27 अक्टूबर 2025 (सोमवार) – छठ पूजा
पूजा विधि: सूर्य भगवान को अर्घ्य दें, शुद्ध व्रत-नियम का पालन करें।
नवंबर 2025
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05 नवंबर 2025 (बुधवार) – कार्तिक पूर्णिमा
पूजा विधि: गंगा स्नान करें, भगवान विष्णु की पूजा करें और दीपदान करें। -
08 नवंबर 2025 (शनिवार) – काल भैरव जयंती
पूजा विधि: काल भैरव को सरसों का तेल, काले तिल और नारियल चढ़ाएँ। -
11 नवंबर 2025 (मंगलवार) – उमा महेश्वर व्रत
पूजा विधि: शिव–पार्वती की पूजा करें, व्रत धारण करें। -
13 नवंबर 2025 (गुरुवार) – उत्पन्ना एकादशी
पूजा विधि: भगवान विष्णु की पूजा करें, व्रत रखें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। -
16 नवंबर 2025 (रविवार) – संकष्टी चतुर्थी
पूजा विधि: गणेश जी की पूजा करें, चाँद को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलें। -
25 नवंबर 2025 (मंगलवार) – देव उठनी एकादशी
पूजा विधि: तुलसी और भगवान विष्णु की पूजा करें, शालिग्राम पर जल चढ़ाएँ। -
26 नवंबर 2025 (बुधवार) – तुलसी विवाह
पूजा विधि: तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराएँ, दीप और मिठाई अर्पित करें।
दिसंबर 2025
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01 दिसंबर 2025 (सोमवार) – गीता जयंती
पूजा विधि: गीता पाठ करें, भगवान कृष्ण की पूजा करें। -
09 दिसंबर 2025 (मंगलवार) – मोक्षदा एकादशी
पूजा विधि: विष्णु भगवान की पूजा करें, व्रत धारण करें और दान करें। -
14 दिसंबर 2025 (रविवार) – धनेश्वर महादेव व्रत
पूजा विधि: शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और दूध चढ़ाएँ। -
16 दिसंबर 2025 (मंगलवार) – धनु संक्रांति
पूजा विधि: गंगा स्नान करें, दान-पुण्य करें और सूर्य देव की पूजा करें। -
23 दिसंबर 2025 (मंगलवार) – संकष्टी चतुर्थी
पूजा विधि: गणेश जी की पूजा करें और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलें। -
25 दिसंबर 2025 (गुरुवार) – क्रिसमस
पूजा विधि: यीशु मसीह की प्रार्थना करें, चर्च में दीप जलाएँ। -
29 दिसंबर 2025 (सोमवार) – वैष्णव एकादशी
पूजा विधि: भगवान विष्णु की पूजा करें, व्रत रखें और विष्णु सहस्रनाम पढ़ें।
पूजा या व्रत की विधि:
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जिस दिन व्रत हो रहा है, सुबह जल्दी उठकर गंगाजल या पवित्र जल से स्नान करें।
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व्रत के समय मृत्यु या पूर्वजों की स्मृति न आए — मन शांत रखें और सत्कर्म करें।
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पूजा स्थान साफ़ रखें, दीपक, अगरबत्ती, फूल, सुगंधित तेल आदि सामग्री रखें।
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दिनभर भूखे रहने या केवल फलाहार करने की परंपरा जहाँ हो, उसका पालन करें।
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रात को अमावस्या या पूर्णिमा शाम को आरती करें और मनोकामना करें।